एक सच्चा सैनिक देश के लिए ही जीता और मरता है। वह अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगाना अपना धर्म समझता है। वह अपना सब कुछ अर्पित कर देश के काम आना चाहते हैं। ऐसा करके वे अपने सैन्यधर्म का पालन करके गर्वानुभूति करते हैं। चीन के साथ युद्ध में शहीद भारतीय सैनिक अपना बलिदान देकर भी गर्वानुभूति कर रहे हैं, फिर उन्हें दुख की अनुभूति कैसे होने पाती। उन्हें गर्व है कि उन्होंने हिमालय का सर झुकने नहीं दिया।