लेखक की माँ धार्मिक विचारों वाली महिला थी। वे मनुष्य से ही नहीं पशु-पक्षियों तक से प्रेम करती थीं। उनके घर की दालान में कबूतर ने दो अंडे दिए थे। उनमें से एक अंडा बिल्ली ने गिराकर फोड़ दिया था। दूसरा अंडा सँभालते समय उनके हाथ से टूट गया। अंडा टूटने का पछतावा करने के लिए उन्होंने पूरे दिन का रोज़ा रखा।