हरिहर काका को लाने के लिए उनके भाई ठाकुरबारी पहुँचे पर काका का मन अशांत होने की बात कहकर महंत जी ने उन्हें वापस न जाने दिया। इससे काका के तीनों भाई रात भर सो नहीं सके। भावी आशंका उनके मन को मथती रही। पंद्रह बीघे खेत ! इस गाँव की उपजाऊ जमीन ! दो लाख से अधिक की संपत्ति ! अगर हाथ से निकल गई तो फिर वह कहीं के न रहेंगे।