प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘निन्दा रस’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक हरिशंकर परसाई हैं।
संदर्भ : लेखक को ज्ञात है कि वह कल रात ही आ गया था। लेकिन उसे अकारण ही झूठ बोलने की आदत है।
स्पष्टीकरण : लेखक जानता है कि ‘क’ तो कल रात ही आ गया था। वह झूठ बोल रहा है कि अभी-अभी गाड़ी से उतरकर सीधे उससे मिलने आया है। लेखक को ज्ञात है कि वह अकारण ही झूठ बोलता है और उसको झूठ बोलने की आदत पड़ गई है।