बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. रामकुमार वर्मा (1905-1990. आधुनिक हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण कवि, नाटककार और इतिहासकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। आप प्रयाग विश्वविद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक तथा विभागाध्यक्ष रहे। आपके व्यक्तित्व और कृतित्व में विद्वत्ता और सृजनात्मकता का अनोखा संगम दर्शनीय है। हिन्दी एकांकी को नवीन और महत्वपूर्ण आयाम प्रदान करने वालों में डॉ. वर्मा का नाम विशेष उल्लेखनीय है। आपने ऐतिहासिक, राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक, वैज्ञानिक तथा व्यंग्य-विनोद से संबंधित विविध प्रकार के एकांकियों की रचना सफलतापूर्वक की है।
आपके प्रमुख एकांकी संग्रहों में – ‘चारूमित्रा’, ‘ऋतुराज’, ‘रेशमी टाई’, ‘दीपदान’, ‘रिमझिम’, ‘पृथ्वीराज की आँखें’, ‘ध्रुवतारा’, ‘सप्तकिरण’ आदि उल्लेखनीय हैं।
डॉ. वर्मा ‘नागरी काव्य पुरस्कार’, ‘देव पुरस्कार’, ‘उत्तर प्रदेश शासन पुरस्कार’ एवं ‘भारतभारती पुरस्कार’ से सम्मानित हैं। आपकी साहित्य साधना के लिए भारत सरकार ने ‘पद्मभूषण’ से अलंकृत किया।