निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिएः
लोभ बहुत बड़ा दुर्गुण है। यह एक असाध्य रोग है। दुःख का मूल कारण ही लोभ है। धनी आदमी अधिक धन कमाने के प्रयत्न में लोभी बन जाता है। प्राप्त धन से वह कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाता। भूखा पेटभर खाना मिलने पर तृप्त हो जाता है। लोभी की दुराशाएँ बढ़ती ही जाती हैं, इसलिए वह हमेशा अतृप्त ही रहता है। लोभ बीमारी का लक्षण है। संतोष निरोगता का लक्षण है। इसलिए मनुष्य को लोभ छोड़कर, जो प्राप्त है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए।
1. धनी आदमी क्यों लोभी बनता है?
2. भूखा आदमी कैसे तृप्त हो जाता है?
3. लोभी हमेशा क्यों अतृप्त रहता है?
4. मनुष्य कैसे संतुष्ट रह सकता है