जनसंख्या वृद्धि एवं बढ़ते हुए फैशन के कारण – मनुष्य ने जंगलों का या वृक्षों का उपयोग ज्यादा करने लगा है। उपकरणों एवं ईधन के रूप में इतना अधिक करना प्रारंभ कर दिया कि प्रकृति का भी अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। इसलिए आज ‘पर्यावरण की रक्षा करना सबसे बड़ी समस्या बन गई है।’ वायु हमारे प्राणों का आधार है।
इसलिए वायु को शुद्ध रखना बहुत ज़रूरी है। वायु को शुद्ध रखने के लिए आम, नीम, बरगद, तुलसी, आंवला और पीपल का वृक्ष आदि लगना ज़रूरी है। जंगल को काटने से बचाना है। अगर हम किसी एक वृक्ष को काटना है तो उसकी जगह पर दूसरा वृक्ष लगाना चाहिए। वृक्षों की संख्या ज्यादा रहने से समय के अनुसार वर्षा भी अच्छी तरह से होती है।
जंगलों के संरक्षण एवं संवर्धन के द्वारा वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है। जल मनुष्य की बुनियादी आवश्यकता है। इसलिए कुआँ, तालाब और नदी का जल सफाई के साथ सुरक्षित रखा जाए। रासायनिक क्रियाओं के द्वारा परिशोधन किया जाए तो जल प्रदूषण को रोका जा सकता है। सरकार ने इस दिशा में प्रयास प्रारंभ कर दिया है। प्रदूषण का निवारण तभी हो सकता है ‘जब जनता एवं सरकार का एक साथ प्रयास – इस दिशा में निरंतर होता रहे।