समाचार पत्र सभ्य समाज का एक आवश्यक अंग है। उनके बिना मानव का जीवन अपूर्ण समझा जाता है। वे विश्वभर की जानकारी हमें घर बैठे देते हैं। आधुनिक युग में समाचार पत्र मानव के विचारों के आदान-प्रदान का अंग हैं। समाचार पत्र कई प्रकार के होते हैं। उनका वर्गीकरण समयानुसार और विषयानुसार किया जा सकता है। दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक समयानुसार समाचार पत्र के भेद है। विषयानुसार निकलनेवाले समाचार पत्र भी होते है। जैसे व्यापार, धर्म, सिनेमा, व्यवसाय आदि। ‘हिन्दुस्तान’, ‘नवभारत टाइम्स्’, ‘दैनिक जागरण’ आदि दैनिक पत्र हैं। ‘गृहशोभा’, ‘मेरी सहेली’, ‘कल्याण’, ‘भारत संदेश’, ‘चंदामामा’ आदि मासिक पत्र हैं।
समाचार पत्रों का मुख्य कार्य नये-नये समाचारों का इकट्ठा करके जनता तक पहुँचाना होता हैं। और जनता के विचारों को सरकार तक पहुँचाना भी। सरकार के कार्यो की समालोचना करके उसे ठीक रास्ते पर लाने का काम भी ये करते हैं। देश विदेशों के समाचारों के अलावा मनोरंजन, चलचित्र, क्रीडा, व्यापार संबंधी समाचारों की जानकारी भी इनसे मिलती हैं।
समाचार पत्रों में विज्ञापन छपवाकर व्यापारी अपनी चीजों की बिक्री बढ़ाते हैं। इससे देश की औद्योगिक उन्नति में बड़ी सहायता मिलती हैं। देश की राजनैतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक समस्याओं का हल करने में समाचार पत्र मदद देते हैं।
समाचार पत्र विज्ञान के युग का एक शक्तिशाली साधन हैं। यह राष्ट्र की राष्ट्रीयता का आधार स्तंभ हैं। यह जनता और सरकार को सदा जागृत रखता है और गलत रास्ते पर चलने से रोकता हैं। जनतंत्र में समाचार पत्रों का और अधिक महत्व है क्योंकि इसके द्वारा जनता और शासकों का संबंध बना रहता हैं। समाचार पत्र मानव की स्वतंत्रता के प्रतीक है। जन जीवन की वाणी भी हैं। ताजा खबरों का दूत है। समाचार पत्र प्रजातंत्र के प्रहरी है।