सब को मिलकर जाल को ही उठाकर उडना और चूहे की मदद … से जाता को काटना आदि का रोचक वर्णन है।
जंगल में पीपल का एक पेड था। उस पेड पर बहुत से कबूतर रहते थे। कबूतर रातभर आराम करते दिन में भोजन की खोज में घूमते रहते।
एक दिन की बात है। कबूतर भोजन की खोज में गया। थोडी दूर पर धरती पर दाने बिखरे पडे थे।।
छोटे छोटे सभी कबूतर बोल ठटरो अभी मत जाओ जंगल में इतने दाने कहाँ से आए।
किन्तु कबूतर को सिर्फ दाने चाहिए। सोच विचार किए बिना धरती पर उतरने लगे। बूढा कबूतर समझाने लगा, किन्तु माने नही। सब दाने की लालच में पडकर खुशी से दाने खा लिए। बाद में वे उड्ना चाहते थे। तब कबूतर चिल्लाने लगे इसी लिए जाल को बिछायो था वह बहेलिया भी आते हुए दिखयी पडा। कबूतर सभी घबरा गए। तब बूढा कबूतर बोला – घबाराओ मत सब मिलकर
जोर लगाकर एक साथ जाल को लेकर उड चलो। बडे कबूतर की बात मानकर सभी कबूतरों ने मिलकर जोर लगाकर जाल लेकर उडने लगे बडा कबूतर आगे – आगे उड रहा था। सारे कबूतर जाल के साथ उसका पीछा किया।
एक पेड की और इशारा करते हुए कहा – यहाँ उतर जाओ। यह मेरा मित्र है। यह हमारी मदद करेगा।
बूढा कबूतर चूहे को बुला लाया चूहे ने जाल काट दिया। कबूतर जाल से निकल आए। उन्होने चूहे को धन्यवाद दिया।