इस पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है। कविता में जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना व्यक्त की जाती है वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इस पंक्ति में यमुना के श्याम होने में मथुरावासियों के नील के माट से निकाल कर, यमुना में धोने की सम्भावना व्यक्त की गई है। अत: यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।