एक सफल प्रजातन्त्र में शासन तथा प्रशासन निष्पक्ष तथा जन-अविरोधी होता है। भारतीय शासन-प्रशासन को प्रजातन्त्र के अनुकूल बनाने के लिए मैं निम्नलिखित प्रयास करना चाहूँगा–
मैं सरकार को निष्पक्ष बनाऊँगा तथा उसको अपने ही दल के प्रति होने वाले झुकाव को रोकेंगा। मैं भारत में राजनैतिक दलों को जाति, धर्म आदि के आधार पर कार्य नहीं करने दूंगा । निर्वाचन में उनको नीति के अनुकूल चुनाव लड़ने को कहूँगा। मैं दल-बदल को रोकेंगा । दल बदलने पर किसी प्रत्याशी को पाँच वर्ष से पूर्व उस दल से चुनाव नहीं लड़ने दूंगा। मैं राजनैतिक दलों में अपराधी लोगों का प्रवेश रोकेंगा तथा उनको चुनाव लड़ने और लोकसभा में प्रविष्ट होने नहीं दूंगा। लोकसभा सदस्यों तथा मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता तथा आयु सीमा भी मैं तय करूंगा तथा अशिक्षित और अधिक आयु वालों को चुनाव लड़ने से रोक देंगा।
मैं भारत के लोगों में कानून के प्रति विश्वास का भाव जगाऊँगा तथा उसका उल्लंघन न करने की संस्कृति का विकास करूंगा। मैं राजनैतिक दलों की संख्या कम करूंगा। राजनैतिक दलों को धन मिलने के स्रोतों को सार्वजनिक करूंगा तथा उनका निरीक्षण अनिवार्य करूंगा।