हिमालय भारत के उत्तर में स्थित है। भारतीय उपमहाद्वीप के निर्माण में हिमालय का बतुत बड़ा योगदान है। उससे निकलने वाली नदियों से उत्तर भारत के मैदान की रचना हुई है। इस भू-भाग से उत्पन्न धन-धान्य से इस क्षेत्र के मनुष्यों तथा जीव-जन्तुओं का पालन-पोषण होता है। हिमालय से निकलने वाली नदियों का जल पीने, सिंचाई करने तथा अन्य अनेक कामों में प्रयुक्त होता है। हिमालय तथा उससे निकलने वाली नदियों के आसपास घने वन हैं। उनमें अनेक जीव-जन्तु रहते हैं तथा उनसे लकड़ी, शहद, औषधियाँ आदि अनेक चीजें प्राप्त होती हैं, जिनकी हमारे लिए गहरी उपयोगिता है। हिमालय उत्तर से आने वाली शीतल हवाओं से हमको बचाता है तथा देश की जलवायु को मनुष्यों के रहने लायक बनाता है। हिमालय बहुत समय से उत्तरी सीमा पर एक प्रहरी की तरह खड़ा रहकर विदेशी आक्रमणकारियों से हमारी रक्षा करता रहा है।
हिमालय को देवताओं का स्थान कहा गया है। देवादिदेव महादेव शिव का आवास कैलाश हिमालय में ही स्थित है। यहाँ अनेक देवता निवास करते हैं। तपस्वी यहाँ आकर तपस्या करते हैं तथा सांसारिक बन्धनों से मुक्त होने से सफल होते हैं। वहाँ का शांत और निर्मल वातावरण मनुष्य के चित्त को निर्मल तथा निष्पाप बनाता है। इस प्रकार भौतिक जीवन में ही नहीं आध्यात्मिक जीवन में भी हिमालय हमारे लिए उपयोगी है।