हिमालय एक पर्वत ही नहीं हमारे लिए वह एक वरदान भी है। उसका हमारे लिए भौतिक ही नहीं आध्यात्मिक महत्त्व भी है। वह भारत की भूमि, सभ्यता तथा संस्कृति का जनक है।
हिमालय विश्व का सर्वोच्च शिखर है। हिमालय पर जमी श्वेत बर्फ मानव जीवन में स्वच्छता और पवित्रता की प्रेरक है। उसकी ऊँची चोटियाँ मनुष्य को अपने जीवन में ऊँचा उठने का आह्वान करती हैं। हिमालय कठोर झंझावातों के टकराने से भी विचलित नहीं होता और अडिग, अटल खड़ा रहकर उनको परास्त करता है। अपने इस स्वरूप से वह हमको प्रेरणा देता है कि हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों, प्रलोभनों, आतंक, भय आदि के सामने झुकें नहीं, उनसे निरन्तर संघर्ष करें और आगे बढ़ते रहें। हिमालय अपने स्वच्छ, पवित्र वातावरण द्वारा हमको पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कहता है। हिमालय की सतत् प्रवाहिनी नदियाँ हमको जीवन का संदेश देती हैं तथा निरन्तर चलते रहने के लिए प्रेरित करती हैं।
हिमालय हमको पुकारता है, चुनौती देता है और उत्साहित करता है कि डरो नहीं, झुको नहीं, रुको नहीं, निरन्तर आगे बढ़ो, संघर्ष करो और ऊँचे उठो।