मोहनदास करमचन्द गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात (काठियावाड़) के पोरबन्दर नामक स्थान पर हुआ। गाँधी जी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के प्रमुख नेता थे। उन्होंने सत्याग्रह (सविनय अवज्ञा) के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों के विरुद्ध भारतीयों को स्वतंत्रता दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके सत्याग्रह की नींव अहिंसा के सिद्धान्त पर आधारित थी। आज पूरा संसार उन्हें महात्मा गाँधी के नाम से जानता है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से 6 जुलाई, 1944 को रंगून में रेडियो से गाँधी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आजाद हिन्द फौज के लिए उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगी थीं। देश में प्रतिवर्ष उनका जन्मदिन ‘गाँधी जयन्ती’ और विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा’ दिवस के रूप में मनाया जाता है। सत्य और अहिंसा उनके सच्चे हथियार थे। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने बहुत संघर्ष किया। काले-गोरे के भेद के कारण उन्हें रेल के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से उतार दिया गया। उन्हें अधिकार की भूख नहीं थी। इसी कारण देश के स्वतन्त्र होने पर कोई पद और अधिकार नहीं लिया। जब सारा देश स्वतन्त्रता का आनन्द ले रहा था तब वे दूर घूम रहे थे। इनका निधन 30 जनवरी, 1948 को हुआ।