मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में पुरातन तथा नवीन का समन्वय मिलता है। वह भारतीय संस्कृति की प्राचीनता का सम्मान करते हैं। किन्तु वर्तमान में हो रहे परिवर्तन के प्रति भी वह उत्साहित हैं। आपके काव्यों के कथानक तथा पात्र पौराणिक युग के हैं। किन्तु उनको वर्तमान युग के परिवर्तित स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। उनके राम, कैकेयी, उर्मिला आदि पात्रों के चरित्र पर वर्तमान की स्पष्ट छाप है।