(i) गुलशन कुमार को फिल्म निर्देशक बनने के लिए न जाने कितने पापड़ बेलने पड़े।
(ii) आज की स्त्री पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
(iii) सच्चे शूरवीर कभी भी रणक्षेत्र में पीठ नहीं दिखाते।
(iv) लेखाकार ने फाइलें देखते ही घोषित कर दिया कि दाल में कुछ काला है।
(v) अपने पुत्र को इंजीनियर बनते देखकर निर्धन मज़दूर फूला न समा रहा था।