(i) फूला न समाना (बहुत खुश होना)– पी. सी. एस. की परीक्षा में सफल होने पर अभय फूला न समाया।
(ii) कान भरना (भड़काना)- जिस व्यक्ति की आदत दूसरों के कान भरने की होती है वह समाज में अच्छा नहीं माना जाता।
(iii) पानी में आग लगाना (असम्भव को सम्भव करना)– मोहन और सोहन के परिवारों में दस साल से दुश्मनी चली आ रही है। लोग जानते हैं कि उनमें सुलह कराना पानी में आग लगाने के समान है।
(iv) श्री गणेश करना (शुरुआत करना)- हमारे पड़ोसी शिवलाल जी ने अपने व्यवसाय का श्री गणेश विशेष पूजापाठ के साथ कराया।
(v) लोहे के चने चबाना (कठिनाई होना)- देश में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त करना एक तरह से लोहे के चने चबाने के समान है।