• उद्वेतलित – भाव–विह्वल
• अश्रु- राशियाँ – आँसुओं की झड़ी
• प्रचंड – तीव्र
• क्षीण – दबी आवाज़
• मृतवत्सा – जिस माँ की संतान मर गई हो
• रुदन – रोना
• दुर्दांत – जिसे दबाना या वश में करना करना हो
• कॄश – कमज़ोर
• रव – शोर
• तनु - शरीर
• शिथिल – कमज़ोर
• अवयव - अंग
• विह्वल – बेचैन
• स्वर्ण घन - सुनहले बादल
• ग्रसना - निगलना
• तिमिर – अंधकार
• विस्तीर्ण – फैला हुआ
• रविकर जाल - सूर्य किरणों का समूह
• अमोदित - आनंदपूर्ण
• ढिकला - ठेला गया
• सिंह पौर - मंदिर का मुख्या द्वार
• परिधान - वस्त्र
• शुचिता – पवित्रता
• सरसिज – कमल
• अविश्रांत – बिना थके हुए
• कंठ क्षीण होना - रोने के कारण स्वर का क्षीण या कमजोर होना।
• प्रभात सजग - हलचल भरी सुबह।