तापान्तर के कारण ऊष्मा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतर ऊष्मा संचरण कहलाता है ।
यह तीन प्रकार का होता है -
(i) चालन- लोहे की पाइप में क्रमशःराखी मोमबत्ती ताप के प्रभाव का होता है -
(ii) संवहन - रात के समय रेत जल्दी ठण्डी होती है जबकि पानी गर्म रहता है ।
(iii) विकिरण - विकिरण द्वारा ऊष्मा प्रकाश की चाल से ही सरल रेखा में संचारित होते है ।