यदि दाब `P` आयतन `V` तथा परम ताप `T` पर गैस के किसी द्रवयमान में `n` अणु हों तो अणुगति सिद्धांत के अनुसार
`PV=nkT`
माना प्रारम्भ में बर्तन में ताप `T_(1)` पर `n_(1)` अणु हैं तथा गर्म करने पर ताप `T_(2)` पर बर्तन में `n_(2)` अणु रह जाते हैं। तब (खुले मुंह के बर्तन के लिये `P` व `V` नियत हैं।)
`n_(1)kT_(1)=n_(2)kT_(2)`
`:. T_(2)=(n_(1))/(n_(2))T_(1)`
प्रश्नानुसार `n_(2)=3/4n_(1)` तथा `T_(1)=60^(@)C+273=333K`
`:.T_(2)=(n_(1))/(3/4n_(1))T_(1)=4/3T_(1)=4/3xx333K=444K`
अथवा `444-273=171^(@)C`