माना प्रत्येक स्वरित्र की चाल `v_(s)` तथा इनकी वास्तविक आवृति f है और ध्वनि का वेग v है।
प्रेक्षक द्वारा दूर जाते हुए स्वरित्र की ध्वनि की सुनी गयी आभासी आवृति
`f_(1) = f ((v)/(v+v_(s)))` ...(1)
प्रेक्षक द्वारा पास आते हुए स्वरित्र की ध्वनि की सुनी गयी आभासी आवृति
`f_(2) = f((v)/(v-v_(s)))` ...(2)
प्रति सेकंड सुने गए विस्पंद `f_(2) - f_(1) = 3` (दिया है)
`f((v)/(v-v_(s))) - f((v)/(v+v_(s))) = 3`
`fv[(2v_(s))/(v^(2) - v_(s)^(2))] = 3`
चूँकि `f_(1)` व `f_(2)` का अन्तर बहुत कम है, अतः `v_(s) lt lt v`, तो,
`fv ((2v_(s))/(v^(2))) = 3`
`(2fv_(s))/(v) = 3`
`v_(s) = (3v)/(2f) = (3 xx 340)/(2 xx 340) = 1.5` मीटर/सेकण्ड