(अ) सहप्रभाविता (Codominance) : जब किसी युग्मविकल्पी जोड़े के जीन एक-दूसरे के लिये प्रभावी या अप्रभावी न होकर `F_(1)` संकरों में दोनों युग्मविलकपी समान रूप से अभिव्यक्ति करते हैं तो इस घटना को सहप्रभाविता (Codominance) कहते हैं अतः सहप्रभावी जीन वाले विषमयुग्मजी में दोनों जीन अपने लक्षण साथ-साथ प्रकट करते हैं ये पृथक्करण के नियम का पालन करते हैं और `F_(2)` पीढ़ी में सम-जिनि व समलक्षणी रूप से 1 : 2 : 1 के अनुपात में होते हैं।
उदाहरण : मवेशियों में आवरण के रंग की सहप्रभाविता : मवेशियों में आवरण के रंग जीन सहप्रभाविता को प्रदर्शित करते हैं इनमें आवरण के लाल रंग को R से तथा श्वेत रंग को r से प्रदर्शित करते हैं।
(ब) अपूर्ण प्रभाविता (Incomplete Dominance) : अपूर्ण प्रभाविता में विषमयुग्मजी अवस्था में दोनों ही जीन अपने समान रूप को अभिव्यक्त करते हैं अर्थात दोनों युग्मविकल्पी जीन एक-दूसरे के प्रति प्रभावी व अप्रभावी नहीं होती। इस कारण इनका `F_(2)` अवस्था में फीनोटाइप व जीनोटाइप का अनुपात 1 : 2 : 1 के अनुपात में होता है।