Mn का परमाणु क्रमांक 25 व इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `[Ar]3d^(5)4s^(2)` होता हैं, इसलिए Mn(II) में सभी 5 इलेक्ट्रॉनों आयुगिमत रहते हैं, जो प्रथम संक्रमण श्रेणी में अधिकतम संख्या में हैं| चूँकि आयुगिमत इलेक्ट्रान अनुचुंबकिय व्यवहार का कारण होता हैं, अतः यह सबसे अधिक अनुचुंबकिय होता हैं|