प्रोटीन की संरचना तथा कार्यो के अध्ययन के लिए मॉस-स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक पर आधारित पेप्टाइड-एमाइड-ड्यूटीरियम परिवर्तन तकनीक का अध्ययन किया जाता है तथा प्रोब उप-अणुक प्रोटीन संचालक की क्षमता का अध्ययन किया जाता है। यह विधि-अत्यधिक श्रम व समय लेने वाली है इस विधि में एमाइड के पृथककरण का अध्ययन किया जाता है। ड्यूटीरियम एक्सचेंज मॉस स्पेक्ट्रोस्कोपी (DXMS) के द्वारा बंध का पूर्ण होना एवं एकल एमाइड (अमीनो अम्ल) का पृथक्करण तीव्रता से सिद्ध होता है।
उपर्युक्त तकनीक से अत्यंत कम मात्रा में उपस्थित पदार्थ में तथा लम्बे प्रोटीन पर सरलतापूर्वक कार्य किया जाता है। रिसेप्टर-लिगेंड युग्म पर, जो जीवित कोशिका के अंदर या कोशिका पर उपस्थित होते है, को शुद्धता के बिना अध्ययन किया जा सकता है। प्रोटीन रिसेप्टर की झिल्लियों का इन विट्रो विश्लेषण किया जाता है। इसकी मुख्य कठिनाई या है की इसके द्वारा कैंसर रोग हो जाता है।