भँवर धाराओं के उपयोग-
1. धारामापी को रुद्ध दोल बनाने में - चलकुंडली धारामापी को रुद्ध दोल बनाने के लिए उसकी कुंडली को एल्युमिनियम के फ्रेम पर लपेटते हैं। चुम्बकीय क्षेत्र में कुंडली के विक्षेपित होने पर फ्रेम में भँवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं, जो कुंडली की गति का विरोध करके शीघ्र ही मध्य स्थिति में ला देती हैं।
2. प्रेरण भटटी में - यदि किसी धातु को तीव्र परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र में रख दिया जाये तो उसमे प्रबल भँवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं, अतः इतनी अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है की धातु पिघल जाती है। प्रेरण भट्टी इसी सिद्धांत पर कार्य करती है।
3. विद्युत ब्रेक में - विद्युत ट्रेन, कार, जीप आदि को रोकने के लिए विद्युत ब्रेक का उपयोग किया जाता है। इनकी पहिए की धुरी के साथ धातु का एक ड्रम लगा रहता है, जो पहियों के साथ-साथ घूमता है। जब वाहन को रोकना होता है तो ड्रम के पास तीव्र चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर दिया जाता है, जिससे ड्रम में प्रबल भँवर धाराएँ उत्पन्न होती हैं, जो ड्रम के साथ-साथ पहियों को भी रोक देती हैं।