ग्रामीण बस्तियों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक
‘ग्रामीण बस्तियों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. जल की उपलब्धता – सामान्यतया ग्रामीण बस्तियाँ जलस्रोतों के समीप स्थित होती हैं, क्योंकि वहाँ जल आसानी से उपलब्ध हो जाता है
2. भूमि – मनुष्य बसने के लिए उस स्थान का चयन करता है जहाँ की भूमि खेती के लिए उपयुक्त व उपजाऊ हो। किसी भी क्षेत्र में प्रारम्भिक अधिवासी उपजाऊ एवं समतल क्षेत्रों में ही बसते थे।
3. उच्च भूमि के क्षेत्र – बस्तियाँ बसाने के लिए मनुष्य ऊँचे क्षेत्रों को इसलिए चुनता है कि वहाँ पर बाढ़ के समय होने वाले नुकसान से बचा जा सके और मकान व जीवन सुरक्षित रह सके।
4. गृह निर्माण सामग्री – मनुष्य अपनी बस्तियाँ वहाँ बसाता है जहाँ आसानी से लकड़ी, पत्थर आदि प्राप्त हो जाते हैं। प्राचीन गाँवों को वनों को काटकर बनाया गया था, क्योंकि वहाँ लकड़ी बहुतायत में थी।
5. सुरक्षा – राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध या पड़ोसी समूहों के उपद्रवी होने की स्थिति में गाँवों को सुरक्षात्मक पहाड़ियों एवं द्वीपों पर बसाया जाता था। भारत में अधिकतर दुर्ग ऊँचे स्थानों अथवा पहाड़ियों पर बने हुए हैं।