जिन विधेयकों का सम्बन्ध धन से होता है, उन्हें धन विधेयक कहा जाता है तथा जिन विधेयकों का सम्बन्ध धन से नहीं होता है, उन्हें साधारण विधेयक कहा जाता है। धन विधेयक, साधारण विधेयकों से अनेक बातों में भिन्न है; जैसे –
⦁ धन विधेयकों का लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक है, जबकि साधारण विधेयकों के लिए यह आवश्यक नहीं है।
⦁ धन विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व-अनुमति के बिना संसद में प्रस्तुत नहीं किए जा सकते, जबकि साधारण विधेयकों के लिए यह आवश्यक नहीं है।
⦁ धन विधेयक पहले लोकसभा में ही प्रस्तुत किए जाते हैं, जबकि साधारण विधेयक किसी भी सदन में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
⦁ राज्यसभा धन विधेयक को अस्वीकृत नहीं करती है, वह उसे केवल 14 दिनों तक अपने पास रोक सकती है, जबकि साधारण विधेयक के बारे में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं होती है।