औपनिवेशिक शासन के अंतर्गत देश में रेलों, पत्तनों, जल-परिवहन व डाक-तार आदि का विकास हुआ। इसका उद्देश्य जनसामान्य को अधिक सुविधाएँ प्रदान करना नहीं था। अपितु देश के भीतर प्रशासन व पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने एवं देश के कोने-कोने से कच्चा माल एकत्र करके अपने देश में भेजने तथा अपने देश में तैयार माल को भारत में पहुँचाना था।