पूँजीवाद में निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती हैं-
⦁ पूँजीवाद में निजी संपत्ति को मान्यता दी जाती है। निजी संपत्ति चाहे चंल हो या अचल, उस पर निजी अधिकार होता है, उसे छीनने का अधिकार राज्य को प्राप्त नहीं होता है।
⦁ पूँजीवाद में प्रतिस्पर्धा प्रमुख संस्था है। श्रमिक, उपभोक्ता और उत्पादक तीनों में प्रतिस्पर्धा पायी जाती है।
⦁ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था के अंतर्गत कार्ल मार्क्स का कथन है कि समाज दो भागों में विभाजित होता है-
⦁ पूँजीपति, जिनका कि आर्थिक साधनों पर पूर्ण अधिकार होता है तथा
⦁ श्रमिक, जिनके पास केवल बेचने के लिए श्रम होता है। इन दोनों वर्गों में संघर्ष चलता है जिसे मार्क्स ‘वर्ग संघर्ष’ कहते हैं।
⦁ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और अनेक श्रमिक काम करते हैं।
⦁ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में श्रमिकों का शोषण होता है। इस कारण अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए मजूदर संघों का निर्माण किया जाता है। ये मजदूर संघ श्रमिकों को सुविधाएँ प्राप्त कराने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।