सूती वस्त्रों की धुलाई
सूती वस्त्रों को धोते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
⦁ सफेद व रंगीन वस्त्रों को अलग-अलग कर देना चाहिए।
⦁ टूटे बटन वाले व फटे वस्त्रों की मरम्मत कर लेने चाहिए।
⦁ वस्त्रों पर लगे दाग-धब्बे छुड़ा लेने चाहिए।
⦁ वस्त्रं धोने की सामग्री; जैस – टब, बाल्टी, मग, साबुन, स्टार्च, नील आदि; को सुविधाजनक स्थान पर एकत्रित कर लेना चाहिए।
⦁ सूती वस्त्रों को ठण्डे गुनगुने पानी में 4-5 घण्टे तक भिगो देने से उनका मैल गल जाता है।
धोने की विधि:
मजबूत सूती वस्त्रों पर साबुन लगाकर दबाव के साथ रगड़ा जाता है। एक बाल्टी में पानी भरकर साबुन के फ्लेक्स अथवा पाउडर घोलकर झाग उत्पन्न कर लेने चाहिए। अब सूती वस्त्रों को इसमें भिगोकर कसकर रगड़े। अधिक मैले स्थानों पर अतिरिक्त साबुन लगाकर दोबारा रगड़ना चहिए। अब इन्हें निचोड़कर 3-4 बार साफ पानी में खंगालें।
कई बार धोने पर सफेद वस्त्रों में पीलापन आने लगता है। इस प्रकार के वस्त्रों को धोने के लिए खौलते हुए पानी को प्रयोग में लाना चाहिए। एक बड़े भगौने में पानी व साबुन का घोल बनाकर वस्त्र भिगोकर उन्हें 15-20 मिनट तक उबालना चाहिए तथा वस्त्रों को लकड़ी की थपकी से चलाते रहना चाहिए। अब जल को ठण्डा होने दें। वस्त्रों को अच्छी प्रकार से रगड़कर निचोड़ लें तथा साफ पानी में 3-4 बार खंगालकर इनसे साबुन के अंश दूर करें। इस विधि द्वारा वस्त्रों का नि:संक्रमण हो जाता है। तथा चिकनाई एवं प्रोटीन के धब्बे भी दूर हो जाते हैं।
सूती वस्त्रों में धुलाई के पश्चात् नील व कलफ लगाया जाता है। इसके लिए एक टब में एक लीटर पानी लेकर उपयुक्त मात्रा में नील व कलफ (स्टार्च) घोल लिया जाता है। अब इसमें धुले वस्त्रों को भिगोकर तथा हल्के दबाव से निचोड़कर सुखा देना चाहिए। ध्यान रहे कि रंगीन कपड़ों को धूप में नहीं सुखाना चाहिए। सफेद वस्त्रों में अतिरिक्त चमक-दमक लाने के लिए रानीपाल का प्रयोग भी किया जाता है।