उन क्रियाओं को गैर कृषि क्रियाएँ कहते हैं जो कृषि के अतिरिक्त होती हैं जैसे-दुकानदारी, विनिर्माण, डेयरी, परिवहन, मुर्गीपालन, शैक्षिक गतिविधि आदि। पालमपुर में प्रचलित गैर कृषि गतिविधियों का विवरण इस प्रकार है
⦁ परिवहन : तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र–पालमपुर और रायगंज के बीच की सड़क पर बहुत से वाहन चलते हैं जिनमें रिक्शा वाले, तांगे वाले, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक चालक, पारंपरिक बैल गाड़ी एवं बुग्गी (भैंसागाड़ी) शामिल हैं। इस काम में लगे हुए कई लोग अन्य लोगों को उनके गन्तव्य स्थानों तक पहुँचाने और वहाँ से उन्हें वापस लाने का काम करते हैं जिसके लिए उन्हें पैसे मिलते हैं। वे लोगों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाते हैं।
⦁ पालमपुर में लघुस्तरीय विनिर्माण का एक उदाहरण-इस समय पालमपुर में 50 से कम लोग विनिर्माण कार्य में लगे हुए हैं। इसमें बहुत साधारण उत्पादन क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है और यह छोटे स्तर पर किया जाता है। ये कार्य पारिवारिक श्रम की सहायता से घर में या खेतों में किया जाता है। मजदूरों को कभी-कभार ही किराए पर लिया जाता है।
⦁ दुकानदार–पालमपुर में बहुत कम लोग व्यापार (वस्तु विनिमय) करते हैं। पालमपुर के व्यापारी दुकानदार हैं जो शहरों के थोक बाजार से कई प्रकार की वस्तुएँ खरीदते हैं और उन्हें गाँव में बेच देते हैं। उदाहरणतः गाँव के छोटे जनरल स्टोर चावल, गेहूँ, चीनी, चाय, तेल, बिस्कुट, साबुन, टूथ पेस्ट, बैट्री, मोमबत्ती, कॉपी, पेन, पेन्सिल और यहाँ तक कि कपड़े भी बेचते हैं।
⦁ डेयरी–पालमपुर के कई परिवारों में डेयरी एक प्रचलित क्रिया है। लोग अपनी भैसों को कई तरह की घास, बरसात के मौसम में उगने वाली ज्वार और बाजरा आदि खिलाते हैं। दूध को पास के बड़े गाँव रायगंज में बेच दिया जाता है।