कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। किसी वस्तु पर किया गया कार्य उसमें ऊर्जा के – रूप में संचित हो जाता है।” जब वस्तु में ऊर्जा होती है तो वह बल लगाने में सक्षम होती है और कार्य कर सकती हैं। जिस वस्तु में जितनी अधिक ऊर्जा होती है, वह उतना ही अधिक कार्य कर सकती है।