सूती कपड़ा उद्योग उत्पादन और रोजगारी की दृष्टि से देश का मुख्य उद्योग है ।
- चीन के बाद सूती कपड़ा निर्यात में भारत का दूसरा स्थान है ।
- सर्प्रथम सूती कपड़े की मिल मुम्बई में स्थापित हुई । उसके बाद अहमदाबाद में शाहपुर और केलिको मिल स्थापित हुई ।
- सस्ते कपास, श्रमिकों की उपलब्धि, परिवहन सुविधा, निर्यात के लिए बन्दरगाह तथा बाजार क्षेत्र की अनुकूलता के कारण मुम्बई और अहमदाबाद में सूती कपड़े का अधिक विकास हुआ ।
- वर्तमान में देश में लगभग 100 नगरों में सूती कपड़े की मिले है ।
- वर्तमान में मुम्बई, अहमदाबाद, भिवंडी, सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर, इंदोर और उज्जैन सूती कपड़े के मुख्य केन्द्र है ।
- महाराष्ट्र में मुम्बई में सूती कपड़े की मिले अधिक होने से उसे सूत्ती कपड़े का विश्व महानगर कहते हैं ।
- गुजरात में अहमदाबाद का पूर्व का मान्चेस्टर, ‘डेनिम सिटी ऑफ इण्डिया’ कहा जाता है ।
- गुजरात में बड़ोदरा, सुरत, कलोल, भरूच, पोरबन्दर, भावनगर, राजकोट मुख्य सूती कपड़ा उत्पादक केन्द्र है ।
- तमिलनाडु में कोयम्बतूर, चैन्नई, मदुराई, उत्तर प्रदेश में कानपुर, इटावा, आग्रा, लखनऊ, मध्य प्रदेश में इन्दोर, ग्वालियर, उज्जैन, बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, मुर्शिदाबाद मुख्य केन्द्र है ।
- इन केन्द्रों में व्यापक बाजार, परिवहन, बैंक और विद्युत की सुविधा के कारण सूत्ती कपड़े का अधिक विकास हुआ है ।
- वर्तमान में उत्तम कपास की कमी, पुराने यंत्र, अनियमित विद्युत आपूर्ति, कृत्रिम रेशा के कपड़े से स्पर्धा तथा वैश्विक बाजार में तीव्र स्पर्धा की समस्याओं का सामना कर रहा है ।
- भारत रशिया, UK, USA, सुडान, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस तथा दक्षिण अफ्रीका के देशों को सूती कपड़ा निर्यात करता है ।