क. उस समय समाज में लड़कियों की दशा अत्यंत दयनीय थी। लड़कियों को बोझ समझा जाता था। तभी तो उसके पैदा होते ही उसे मार दिया जाता था। स्त्रियों को शिक्षा पाने का भी अधिकार नहीं था। कुछ सम्पन्न परिवार की गिनी चुनी स्त्रियाँ ही शिक्षा पाती थीं। अतः समाज में स्त्रियों की दशा ठीक नहीं थी।
ख. पहले की तुलना में लड़कियों के जन्म के संबंध में काफी बदलाव आया है। लड़का-लड़की का अन्तर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। किन्तु यह भेदभाव आज भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। पहले के लोग लड़की को जन्म देने के बाद मार डालते थे। आज विज्ञान और तकनीक का प्रयोग करके लोग कोन में ही लड़कियों की हत्या कर देते हैं। कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध कानून बन जाने के कारण स्थिति में थोड़ा सुधार अवश्य हुआ है।