यह विधान सही है । उत्पादन की प्रक्रिया का सातत्य बनाये रखने के लिए उत्पादकों को कच्चा माल, अर्ध तैयार माल और पूर्णत: तैयार माल का संग्रह करना पड़ता है और उसकी सुरक्षा करनी पड़ती है । उत्पादित वस्तुओं की माँग के अनुसार उन्हें बाजार प्रक्रिया करके गोदाम में संग्रह करके रखना पड़ता है । जिन उत्पादकों के माल का बाजार राष्ट्रीय स्तर पर हो उन्हें प्रादेशिक वितरण केन्द्र भी रखना पड़ता है । संक्षेप में उत्पादकों के निजी गोदाम अनेक सुविधावाले होते हैं । उसकी तुलना में व्यापारी की व्यापार-प्रवृत्ति मर्यादित होती है । खरीदे हुए माल का विक्रय हो उस समय तक ही व्यापारी को गोदाम की आवश्यकता रहती है । इसलिए उसमें अतिरिक्त सुविधा की आवश्यकता नहीं रहती है ।