सत्संगति से हमारा जीवन सफल होता है। सत्संगति सहारा देने वाली ऐसी बाहु के समान होती है जो हमें निरंतर उन्नति की ओर उठाती जाती है। कुसंगति के कारण हमारा जीवन नष्ट हो जाता है। कुसंगति पैरों में बंधी हुई चक्की के समान होती है जो हमें निरंतर अवनति के गड्ढे में गिराती जाती है।