नागरिकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रखने का अधिकार है। भाषा या नस्ल के आधार पर किसी भी नागरिक को ऐसी शिक्षा-संस्थाओं में प्रवेश पाने से नहीं रोका जाएगा जो सरकार अथवा सरकारी सहायता द्वारा चलाई जा रही हैं। प्रत्येक अल्पसंख्यक वर्ग को चाहे वह धर्म पर आधारित है चाहे भाषा पर, अपनी इच्छानुसार शिक्षा संस्थाएं स्थापित करने का अधिकार है। आर्थिक सहायता देते समय राज्य इनके साथ कोई भेदभाव नहीं करेगा।