जो शब्दांश किसी शब्द के आरम्भ में जुड़ कर उसके अर्थ को बदल देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है;
जैसे- प्र + हार = प्रहार (हार = माला या हार जाना) प्रहार का अर्थ हमला या प्रहार करना।
संस्कृत के उपसर्गों का प्रयोग तत्सम शब्दों के साथ होता है।
जैसे-
उपसर्ग |
अर्थ |
उदाहरण |
अति |
अधिक |
अतिप्रिय, अतिरिक्त, अत्यन्त |
अधि |
विशेष, प्रधान |
अधिकार, अध्यक्ष, अधिपति |
अनु |
पीछे |
अनुशासन, अनुचर, अनुमान, अनुरूप |
अप |
बुरा |
अपकर्ष, अपकार, अपमान, अपयश |
अभि |
सामने |
अभिसार, अभिमुख, अभिमान, अभ्यास |
अव |
नीचे, हीन |
अवनति, अवतार, अवगुण |
आ |
तक, चारों ओर |
आमरण, आजीवन, आगमन, आकार |
उत् |
ऊपर, ऊँचा |
उद्गार, उत्कर्ष, उत्थान, उत्तीर्ण |
उप |
सहायक, पास |
उपकार, उपमंत्री, उपस्थित, उपदेश |
कुछ अन्य प्रसिद्ध उपसर्ग-
अन |
नहीं |
अनपढ़, अनजान, अनबन, अनहोनी |
बै |
बिना |
बेईमान, बेचारा, बेकार, बेअसर |
भर |
भरभरा |
भरपेट, भरपूर, भरमार, भरसक |