व्याकरण के मुख्य रूप से तीन अंग माने जाते हैं-
वर्ण विचार, शब्द विचार, वाक्य विचार।
(I) वर्ण विचार- इसमें वर्णों, उनके भेद, उच्चारण और उनके मेल से बनने वाले शब्दों के नियम और वर्णों के विच्छेद पर विचार किया जाता है।
(II) शब्द विचार- इसमें शब्द, उसके भेद, उत्पत्ति, रचना और रूपांतर पर विचार किया जाता है।