पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत धरातल जल से घिरा हुआ है, परन्तु अलवणीय जल कुल जल का केवल लगभग 3 प्रतिशत ही है। वास्तव में अलवणीय जल का एक बहुत छोटा भाग ही मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है। अलवणीय जल की उपलब्धता स्थान और समय के अनुसार भिन्न-भिन्न है। इस अलवणीय जल के द्वारा ही मानवीय भोज्य पदार्थों के उत्पादन एवं पीने योग्य जल की आपूर्ति होती है। किन्तु इस अलवणीय जल की जनसंख्या वृद्धि के कारण घटती उपलब्धता ने मानवीय विकास, उद्योगों, आवासों एवं पारस्परिक संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। अत जल संरक्षण आवश्यक है।