C तथा Si दोनों की जालक संरचना समान हैं, प्रत्येक में 4 आवश्यक इलेक्ट्रॉन होते हैं। परन्तु C एक विसंवाहक (रोधी) तथा Si एक अर्ध-चालक है, क्योंकि
(अ) C में परम शून्य ताप पर संयोजयकता बैंड पूरा भरा नहीं होता है
(ब) C में परम शून्य ताप पर भी चालक बैंड आंशिक रूप से भरा होता है
(स) C में चार बन्धक इलेक्ट्रॉन द्वितीय कक्षा में हैं, जबकि Si में तृतीय कक्षा में होते हैं
(द) C में बन्धक इलेक्ट्रॉन तृतीय कक्षा में होते हैं, जबकि Si में चतुर्थ कक्षा में होते हैं