विभिन्न प्रकार की भ्रमासक्तियाँ:
1. अत्यहमन्यता भ्रमासक्ति: इसमें व्यक्ति अपने आपको बहुत सारी विशेष शक्तियों से सम्पन्न मानता है।
2. नियंत्रण भ्रमासक्ति: इसमें व्यक्ति यह मानते हैं कि उनके विचार, भावनाएँ आदि दूसरों के द्वारा नियंत्रित की जा रही हैं।
3. घ्राण विभ्रांति: इसमें धुएं व जहर की गंध प्रमुख रूप से शामिल हैं।
4. दृष्टि विभ्रांति: इसमें लोगों या वस्तुओं की सुस्पष्ट दृष्टि या रंग का अस्पष्ट प्रत्यक्षण होता है।
5. दैहिक विभ्रांति: इसमें शरीर के अन्दर कुछ घटित होना, जैसे- पेट में साँप का रेंगना आदि महसूस होता है व्यक्ति को।
6. स्पर्शी विभ्रांति: इसमें व्यक्ति अनेक प्रकार की झनझनाहट व जलन महसूस करते हैं।
7. रससंवेदी विभ्रांति: इसमें व्यक्तियों को खाने तथा पीने की वस्तुओं का विचित्र स्वाद महसूस होता है।