आधुनिकीकरण की अवधारणा-आधुनिकीकरण कोई जड़ वस्तु नहीं है। यह एक प्रक्रिया है। मुरे – मुरे ने सोशल चेंज में बताया है कि – “आधुनिकीकरण के अन्तर्गत परम्परागत अथवा पूर्ण आधुनिक समाज का पूर्ण परिवर्तन उस प्रकार की औद्योगिकी एवं उससे सम्बन्धित सामाजिक संगठन के रूप में हो जाता है। जो पश्चिमी दुनिया के विकसित, आर्थिक दृष्टि से समृद्धशाली और राजनैतिक दृष्टि से समृद्धशाली एवं स्थिर राष्ट्रों में पाई जाती है।”
योगेन्द्र सिंह – “आधुनिकीकरण एक संस्कृति प्रत्युत्तर के रूप में है, जिनमें उन विशेषताओं का समावेश है, जो प्राथमिक रूप से विश्व व्यापक एवं उद्विकासीय है।” आधुनिकीकरण को संस्कृति – सर्वव्यापी जैसा भी कहा जा सकता है। आधुनिकीकरण का अर्थ केवल प्राविधिक उन्नति से ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से है। समकालीन समस्याओं के लिए मानवीकरण के लिए दार्शनिक दृष्टिकोण का होना आवश्यक है।
आधुनिकीकरण की विशेषताएँ:
लर्नर ने आधुनिकीकरण की निम्नलिखित विशेषताओं का वर्णन किया है, जो निम्नलिखित है –
- वैज्ञानिक भावना का विकास होना।
- संचार के साधनों का विकास होना।
- नगरीकरण में वृद्धि।
- नगरीय जनसंख्या में वृद्धि होना।
- प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि का होना।
- शिक्षा का प्रसार होना।
- राजनैतिक साझेदारी में वृद्धि होना।
- व्यापक आर्थिक साझेदारी में वृद्धि होना।
- जीवन के सभी पक्षों में सुधार होना।
- दृष्टिकोण की व्यापकता में वृद्धि करना।
- नवीनता के प्रति लचीलापन का भाव में वृद्धि होना।
- समाज में होने वाले परिवर्तनों को स्वीकार करना।
- आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में तेजी आना।
- समाज में वैज्ञानिक ज्ञान का प्रचार – प्रसार होना।