विज्ञापन के विभिन्न माध्यय: वांछित बाजारों तक जिन साधनों की सहायता से विज्ञापनकर्ता वस्तुओं या विचारों के बारे में संदेश पहुँचाते हैं, उन्हें विज्ञापन माध्यमों की संज्ञा दी जाती है।
विज्ञापन के विभिन्न माध्यम होते हैं जिनमें से प्रमुख निम्न हैं –
(1) बाह्य विज्ञापन – ऐसे विज्ञापन जो दीवारों, परिवहन के साधनों, पोस्टरों, विद्युत साइन बोर्ड, होर्डिंग्स, स्टीकरों द्वारा किये जाते हैं। इस विज्ञापनों में आकर्षक चित्रों एवं रंगों का प्रयोग किया जाता है जिसके फलस्वरूप राह चलते लोगों का ध्यान स्वतः ही इनकी ओर आकर्षित हो जाता है। यह विज्ञापन के स्थायी प्रकार के आकर्षक माध्यम हैं, क्योंकि एक बार पोस्टर लगा देने या बोर्ड आदि बना लेने पर बहुत दिनों तक स्थायी बने रहते हैं और जनता को आकर्षित करते रहते हैं।
(2) समाचार पत्रीय विज्ञापन – समाचार पत्र विज्ञापन सभी प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं के विज्ञापन के लिये उपयुक्त माध्यम है। इस माध्यम का प्रयोग छोटी व बड़ी व्यावसायिक फर्मों द्वारा समान रूप से किया जाता है।
समाचार पत्र में विज्ञापन दो प्रकार के होते हैं –
1. वर्गीकृत विज्ञापन – वर्गीकृत विज्ञापन में विज्ञापन समाचार पत्र में निर्धारित स्थान पर निश्चित शीर्षकों के अन्तर्गत छपते हैं, जैसे टेण्डर, नीलामी, क्रय, विक्रय, शिक्षा, शादी-विवाह आदि। वर्गीकृत विज्ञापनों में सीमित शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
2. अवर्गीकृत विज्ञापन – अवर्गीकृत विज्ञापन के लिये समाचार पत्र में कोई स्थान निश्चित नहीं होता है। यह विज्ञापक की इच्छानुसार समाचार पत्र के किसी भी पृष्ठ पर दिया जा सकता है। इस विज्ञापनों में रंगों, आकर्षक अक्षरों तथा चित्रों का प्रयोग किया जाता है तथा वस्तु की विशेषताएँ एवं मिलने के स्थान के बारे में जानकारी दी जाती है।
(3) पत्रिका विज्ञापन – विभिन्न साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं में जो विज्ञापन प्रकाशित होते हैं उन्हें पत्रिका विज्ञापन कहा जाता है। रुचि व सामग्री के अनुसार पत्रिकायें साहित्यिक धार्मिक, वैज्ञानिक व राजनैतिक, आर्थिक एवं वाणिज्यिक होती हैं। अनेक पत्रिकायें इन समस्त विषयों के मिश्रित रूप में भी होती हैं। इण्डिया टुडे, गृहशोभा, सरिता, सहेली, खेल जगत, बिजनेस बर्ड आदि देश में छपने वाली प्रमुख पत्रिकायें हैं। पत्रिकाओं का जीवन समाचार पत्रों की तुलना में लम्बा होता है जिससे विज्ञापन भी अधिक समय तक पाठकों का ध्यान आकृष्ट करते हैं। पत्रिकाओं के विज्ञापनों में भी अनेक रंगों, चित्रों एवं अच्छे कागज का प्रयोग किया जाता है जिससे कि वे अधिक आकर्षक बन सकें।
(4) सैण्डविच मैन विज्ञापन – सैण्डविच मैन विज्ञापन में विचित्र वेश भूषा में कुछ व्यक्ति कपड़े या गत्तों पर विज्ञापन लिखकरे नगर की सड़कों पर निकलते हैं। सैण्डविच मैन के विचित्र पहनावे के कारण जन सामान्य का ध्यान इनकी ओर आकर्षित हो जाता है और जन सामान्य इनके चारों ओर लगे पोस्टर को पढ़ सकते हैं। इस विधि के माध्यम से बीड़ी, सिगरेट, दवाओं आदि का विज्ञापन किया जाता है। यह विज्ञापन माध्यम ग्रामीण जनता को अधिक आकृष्ट करता है।
(5) डाक द्वारा प्रत्यक्ष विज्ञापन – डाक द्वारा विज्ञापन में विज्ञापनकर्ता ग्राहकों से डाक द्वारा प्रत्यक्ष सम्पर्क स्थापित करता है। इस माध्यम द्वारा सम्पर्क स्थापित करने के लिये सम्भावित ग्राहकों को विक्रय साहित्य एवं अन्य विविध जानकारी डाक के जरिये भेजी जाती है। इसमें ग्राहकों को विक्रय पत्र, गश्तीपत्र, केट लॉग, मूल्य सूची, फोल्डर, पुस्तिकायें आदि भेजी जाती हैं। यह माध्यम विक्रेताओं के मार्ग को प्रशस्त करता है।
(6) मनोरंजन विज्ञापन – मनोरंजन विज्ञापन के साधनों में रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, कैसेट, मेले, प्रदर्शनियाँ तथा ड्रामा व संगीत कार्यक्रम को सम्मिलित किया जाता है। यह माध्यम लोचपूर्ण, प्रभावी प्रतिष्ठित एवं मितव्ययी होता है। इसके द्वारा सैकड़ों व्यक्तियों तक सूचनाओं एवं सेवाओं के बारे में एक साथ जानकारी दी जा सकती है। विज्ञापन के इस माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं का विज्ञापन काफी आकर्षक ढंग से मनोरंजनकारी कार्यक्रम के साथ किया जाता है।
(7) क्रय बिन्दु विज्ञापन – विज्ञापन का यह माध्यम दुकानों की वातापन एवं काउन्टर की सजावट से है जिसमें राह चलते ग्राहक वातावरण एवं काउन्टरों में सजी हुई वस्तुओं को देखकर दुकान में आने । के लिये प्रेरित होता है। वातायन सजावट में अलमारियों में वस्तुओं को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। विभागीय भण्डारों, रेडीमेड गारमेन्टस, खिलौने, साड़ियों की दुकानों में वातायन सजावट को विशेष महत्व दिया जाता है। काउन्टर सजावट में सभी प्रकार की वस्तुओं को काउन्टर पर इस प्रकार सजाकर रखते हैं कि ग्राहकों को उनकी आवश्यकता का स्मरण हो जाता है और वे अधिक क्रय के लिये अग्रसर होते हैं।