समाज व्यवसाय जगत से जो अपेक्षाएँ रखता है प्रबन्ध उन समाज की अपेक्षाओं को अपने कौशल द्वारा पूरा करता है इसे ही सामाजिक उत्तरदायित्व कहते हैं। क्योंकि समाज, व्यवसाय की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करना है तो लाजिमी है कि समाज भी व्यवसाय जगत से कुछ अपेक्षा रखता है। यही प्रबन्ध का समाज के प्रति उत्तरदायित्व है।