A, B और C साझेदार हैं जो लाभ-हानि 5:3:2 के अनुपात में बाँटते हैं। 31 मार्च, 2008 को व्यवसाय समाप्त कर दिया गया तब चिट्ठा निम्न थी

मशीन से Rs 50,000 एवं स्टॉक से Rs 36,000 वसूल हुए। मोटरकार B द्वारा Rs 24,000 में ली गयी। देनदारों से Rs 40,000 वसूल हुए। किसी भी साझेदार की पूँजी की कमी अन्य साझेदारों द्वारा लाभ विभाजन अनुपात में वहन की जायेगी। A दिवालिया हो गया, उससे कुछ भी राशि प्राप्त नहीं हो सकी। आवश्यक खाते बनाइये।