Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
3.4k views
in Economics by (49.9k points)
closed by

उपभोग प्रवृत्ति से क्या आशय है? सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति तथा औसत उपभोग प्रवृत्ति को स्पष्ट कीजिए।

1 Answer

+1 vote
by (56.6k points)
selected by
 
Best answer

एक व्यक्ति जो भी सम्पूर्ण आय प्राप्त करता है उसके एक भाग को वह अपने उपभोग में लाता है तथा शेष को वह भविष्य की आवश्यकताओं हेतु बचाकर रख लेता है, प्रो. कीन्स के अनुसार, आय का जो भाग उपभोग पर व्यय हो जाता है उसे उपभोग प्रवृत्ति या उपभोग फलन कहते हैं। अत: उपभोग की मात्रा व्यक्ति की आय पर निर्भर करती है। जब आय में वृद्धि होती हे तो उपभोग में भी वृद्धि होती है तथा जब आय में कमी हो जाती हे तो उपभोग में भी कमी हो जाती है। लेकिन आय के शून्य होने पर उपभोग शून्य नहीं होता है क्योकि इसे बचत से या ऋण लेकर पूरा कर लिया जाता है। यहाँ पर ध्यान रखना होगा कि उपभोग प्रवृत्ति से हमारी आशय केवल उपभोग की इच्छा से नहीं है अपितु वास्तव में उपभोग की गयी मात्रा से है। आय और उपभोग में प्रत्यक्ष सम्बन्ध पाया जाता है। अतः यह कहा जाता है कि उपभोग आय का फलन है।

सूत्र रूप में – C = f(Y)

यहाँ C = उपभोग, Y = आय, f = उपभोग फलन या उपभोग प्रवृत्ति।

उपभोग प्रवृत्ति के निम्नलिखित दो प्रकार होते हैं –

1. औसत उपभोग प्रवृत्ति – एक अर्थव्यवस्था के सम्पूर्ण समाज में कुल आय का जो भाग उपयोग कर लिया जाता है। उसे औसत उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं। दूसरे शब्दों में, औसत उपभोग प्रवृत्ति, कुल आय का वह भाग होता है जिसे उपभोग पर व्यय किया जाता है।

2. सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति – जब आय में परिवर्तन होता है तो उपभोग में भी परिवर्तन होता है अतः जब आय में वृद्धि होती है तो उपभोग में भी वृद्धि होती है तथा जब आय में कमी होती है तो उपभोग में भी कमी होती है। इस प्रकार आय में होने वाले परिवर्तन (वृद्धि या कमी) और उपभोग में होने वाले परिवर्तन (वृद्धि या कमी) के अनुपात को सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं।

सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति की विशेषताएँ –

1. यह हमेशा धनात्मक होती है।

2. MPC शून्य से अधिक परन्तु 1 से अधिक नहीं होती है,

3. आय बढ़ने के साथ-साथ MPC घटती जाती है, क्योंकि उपभोग व्यय घटती हुई दर से बढ़ता है तथा बचत प्रवृत्ति बढ़ती रहती है।

औसत तथा सीमान्त उपभोग प्रवृत्तियों का सम्बन्ध

1. जब MPC स्थिर होता है तो APC भी स्थिर रहता है।

2. आय बढ़ने से MPC गिरने लगता है परन्तु यह APC से अधिक गिरता है।

3. आय कम होने पर MPC बढ़ने लगता है परन्तु यह APC से अधिक बढ़ता है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...