शक्ति का विशिष्ट वर्गीय सिद्धान्त भी शक्ति के आधार पर समाज को दो वर्गों में बाँटता है-
- विशिष्ट वर्ग जो शक्तिशाली होता है। तथा
- सामान्य वर्ग जिसके ऊपर शक्ति प्रयुक्त होती है। समाज को यह वर्ग विभाजन केवल आर्थिक आधार पर नहीं अपितु कुशलता, संगठन क्षमता, बुद्धिमत्ता, प्रबन्धन क्षमता, नेतृत्व क्षमता आदि के आधार पर भी होता है। इन विशेषताओं के आधार पर प्रत्येक प्रकार की शासन व्यवस्था में एक छोटा वर्ग होता है जो शक्तिशाली होता है और सामान्य जनों पर अपनी शक्ति का प्रयोग करता है। उदाहरण के रूप में देश के राजनेता, प्रशासक, उद्योगपति, प्रोफेसर, वकील, डॉक्टर आदि मिलकर एक वर्ग का निर्माण करते हैं जो सदैव शक्तिशाली बने रहते हैं चाहे औपचारिक रूप में किसी भी राजनीतिक दल की देश में सरकार क्यों न हो।