(अ) कवि ने सोचा था कि पैसों के पेड़ उगेंगे, अतः उसने स्वार्थ और लोभ में आकर मोटा सेठ बनने की कामना से धरती में पैसे बोये थे।
(ब) कवि ने कौतूहलवश यों ही सेम के बीज धरती में दबा दिये थे।
(स) धरती माता के गर्भ में बहुमूल्य रत्न भरे पड़े हैं, उन भण्डारों को युक्तिपूर्वक बाहर निकालने की आवश्यकता है।
(द) धरती का महत्त्व अपरिमित है, परन्तु कवि बचपन में धरती के महत्त्व को नहीं समझ पाया था।
(य) कवि को सेम के पेड़ की फलियाँ प्राप्त हुईं।
(र) शीर्षक-धरती का महत्त्व।