किसी भी पदार्थ का कोशिका में प्रवेश व उससे बाहर निकलने की प्रक्रिया कोशिका कला (Cell membrane) के एक विशेष गुण पारगम्यता (Permeability) पर निर्भर करती है।
इस गुण के आधार पर जैविक झिल्लियाँ निम्न प्रकार की होती हैं –
(i) पारगम्य झिल्लियाँ (Permeable membranes) – वे झिल्लियाँ जो विलेय (Solute) तथा विलायक (Solvent) दोनों के कणों को मार्ग (Passage) प्रदान करती हैं पारगम्य झिल्लियाँ (Permeable membranes) कहलाती हैं। उदाहरणार्थ-कोशिका भित्ति (Cell wall)।
(ii) अपारगम्य झिल्लियाँ (Impermeable membranes) – वे झिल्लियाँ जो विलेय तथा विलायक दोनों के कणों को मार्ग प्रदान नहीं करतीं। अर्थात गुजरने नहीं देती हैं अपारगम्य झिल्लियाँ (Impermeable membranes) कहलाती हैं। उदाहरणार्थ- अधिचर्म (Cuticle), काग (Cork)।
(iii) विभेदात्मक या चयनात्मक पारगम्य झिल्लियाँ (Differentially or selectively permeable membranes) – वे झिल्लियाँ जो जल के अणुओं (विलायक) के लिए अधिक पारगम्य तथा जल में घुले पदार्थों (विलेय) के लिए अपेक्षाकृत कम पारगम्य होती हैं। ऐसी झिल्लियाँ अवकलनीय या विभेदात्मक पारगम्य (Differentially permeable) अथवा चयनात्मक पारगम्य (Selectively permeable) कहलाती हैं। उदाहरणार्थ-प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane), टोनोप्लास्ट (Tonoplast) आदि।
(iv) अर्द्ध पारगम्य झिल्लियाँ (Semipermeable membranes) - वे झिल्लियाँ जो विलायक (जल) के अणुओं के लिए पारगम्य होती हैं लेकिन विलेय के अणुओं के लिए पूर्णत: अपारगम्य होती हैं। अर्द्धपारगम्य झिल्लियाँ (Semipermeable membranes) कहलाती हैं। कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा झिल्ली आवश्यकतानुसार अर्द्धपारगम्य (Semipermeable) तथा चयनात्मक पारगम्य (Selectively permeable) दोनों प्रकार से व्यवहार कर सकती हैं।